
सोशल मीडिया से किशोर बच्चे प्रभावित
भोपाल [महामीडिया] भारतीय यूजर्स हर दिन औसतन 7.3 घंटे अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन पर बिताते हैं। इसमें से अधिकतर टाइम वे सोशल मीडिया पर बिताते हैं। इसमें बच्चों और किशोरों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान भी उन्हें हो रहा है। सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से उनकी इमोशनल हेल्थ खराब हो रही है। सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव रहने के कारण लोगों की नींद नहीं पूरी हो रही है। इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे उनकी याददाश्त कमजोर हो रही है और एंग्जाइटी, डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। अटेंशन स्पैन का मतलब है कि आप बिना भटके किसी काम में लगातार कितनी देर तक अपना ध्यान लगाए रख सकते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, इरविन की एक स्टडी के मुताबिक इंसानों का औसत अटेंशन स्पैन बीते 20 सालों में 2.5 मिनट से घटकर 47 सेकेंड पर पहुंच गया है। इसके पीछे सोशल मीडिया की लत बड़ी वजह है। अगर कोई बहुत लंबे समय से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है तो उसकी ब्रेन फंक्शनिंग खराब हो जाती है। इसमें सुधार के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। हालांकि, यह अचानक से एक दिन में कोई दवा खाकर ठीक नहीं होता है। इसके लिए लाइफस्टाइल में कई जरूरी बदलाव करने होते हैं। सबसे पहले तो सोशल मीडिया इस्तेमाल करने का समय निर्धारित करें।