राम मंदिर का ध्वज अयोध्या की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक 

राम मंदिर का ध्वज अयोध्या की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक 

भोपाल [ महामीडिया] राम मंदिर में लगने वाले ध्वजों पर अंकित कोविदार का वृक्ष अयोध्या साम्राज्य की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक था। श्रीराम मंदिर में लगने वाले ध्वज की डिजाइन, जिसमें जयश्री राम, सूर्य व कोविदार वृक्ष अंकित किया गया है। सनातन की सामूहिक स्मृति से विलुप्त हो चुके कोविदार वृक्ष  पर कई कार्य हुए। इसी कड़ी में देशभर में वाल्मिकी रामायण पर बने चित्रों का अध्ययन किया और वाल्मिकी रामायण के श्लोकों और कथानक से उनका मिलान किया।  जिस तरह भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में 24 सलाकाओं से युक्त चक्र है, उसी तरह त्रेता युग में अयोध्या साम्राज्य की शक्ति और संप्रभुता का प्रतीक उसका ध्वज था जिस पर कोविदार का सुंदर वृक्ष अंकित था। मेवाड़ के महराणा प्रताप के वंशज राणा जगत सिंह ने संपूर्ण वाल्मिकी रामायण पर चित्र बनाए हैं। इन चित्रों में एक में भरत द्वारा सेना सहित चित्रकूट आकर भगवान राम को सविनय अयोध्या ले जाने के आग्रह का प्रसंग है। भारद्वाज आश्रम में विश्राम कर रहे भगवान राम को कोलाहल देने पर वह लक्ष्मण से बाहर जाकर देखने के लिए कहते हैं। एक वृक्ष पर खड़े होकर लक्ष्मण देखते हैं कि उत्तर दिशा से एक सेना आ रही है जिसके रथ पर एक लगे ध्वज पर कोविदार का वृक्ष अंकित है। लक्ष्मण समझ जाते हैं कि यह अयोध्या की सेना है।

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