रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से जापान,ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के वैज्ञानिकों को

रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से जापान,ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के वैज्ञानिकों को

भोपाल [महामीडिया] इस साल रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार सुसुमु कितागावा (जापान), रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया) और उमर एम. याघी (अमेरिका) को मिला है। इन्होंने ऐसे एटम बनाए हैं जिनमें बड़े-बड़े खाली हिस्से होते हैं जिनसे गैस और अन्य रासायनिक पदार्थ आसानी से गुजर सकते हैं। इन संरचनाओं को मेटल ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स कहते हैं। इसमें ऐसे क्रिस्टल बनते हैं जिनमें बड़े खाली हिस्से होते हैं।यह खास तरह से डिजाइन किए जा सकते हैं ताकि वे किसी खास चीज को कैप्चर कर सकें या स्टोर कर सकें। इनका इस्तेमाल रेगिस्तानी हवा से पानी इकट्ठा करने, प्रदूषण हटाने, कार्बन डाइऑक्साइड को साफ करने, जहरीली गैसों को स्टोर करने या रासायनिक क्रियाएं तेज करने में किया जा सकता है।यह  पुरस्कार 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में दिए जाएंगे।सुसुमु कितागावा जापान के क्योतो विश्वविद्यालय , रिचर्ड रॉबसन मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया और याघी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले,संयुक्त राज्य अमेरिका में कार्यरत हैं।

 

 

 

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