
ग्रामीणों के अधिकारों को नहीं कुचला जा सकता
मुंबई [महामीडिया] बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि सभ्य समाज में कानून के इस्तेमाल में भेदभाव की कोई जगह नहीं है। किसी नागरिक को सिर्फ़ इसलिए उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता क्योंकि उसने समय पर अदालत या अधिकारियों से संपर्क नहीं किया।जस्टिस गिरीश कुलकर्णी और जस्टिस सोमशेखर सुंदरसन की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार को कोल्हापुर जिले के कुछ परिवारों को उचित राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया जिनकी ज़मीनें सितंबर 1990 में दूधगंगा सिंचाई परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थीं।