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हिंदू धर्म ग्रंथों में गुप्त दान की परंपरा
भोपाल [महामीडिया] हिंदू धर्म ग्रंथों में दान की महिमा बताई गई है। दान का अर्थ होता है कि उस वस्तु पर से अपना अधिकार समाप्त करना। हिंदू धर्म में धार्मिक धार्मिक स्थलों, गरीब व जरूरतमंद लोगों को दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। दान-पुण्य करने वाले जातक को देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। हिंदू धर्म के कई धर्म ग्रंथों में गुप्त दान के महत्व का वर्णन किया गया है और इसे महादान बताया गया है। यह एक ऐसा दान है जो दिखाने के लिए नहीं बल्कि भले की भावना के लिए किया जाता है। भागवत पुराण , अग्नि पुराण, महाभारत और मनुस्मृति आदि धर्म शास्त्रों में गुप्त दान को पुण्य फल देने वाला बताया गया है। ऐसा माना गया है कि अन्न का दान यदि गुप्त रूप से किया जाए तो इससे उसका महा फल मिलता है।