भोपाल [महामीडिया] जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के साथ मिश्रित पुष्कर एक आदर्श गंतव्य है। राजस्थान के अरावली पहाड़ियों में बसा यह प्राचीन शहर ब्रह्मा मंदिर के लिए जाना जाता है जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर है। लेकिन पुष्कर केवल एक धार्मिक स्थान नहीं है। यह विरासत, परंपरा, त्योहारों और आश्चर्यजनक दृश्यों का एक रंगीन ताना-बाना है।पुष्कर की उत्पत्ति किंवदंतियों में घिरी हुई है। भगवान ब्रह्मा ने धरती पर एक कमल का फूल गिराया, जिससे पवित्र पुष्कर झील का निर्माण हुआ। आज, यह झील 50 से अधिक घाटों और 500 से अधिक मंदिरों से घिरी हुई है जो इसे भारत के सबसे आध्यात्मिक घने स्थलों में से एक बनाती है।14वीं सदी का ब्रह्मा मंदिर अवश्य देखने लायक है। एक और महत्वपूर्ण पूजा स्थल सावित्री मंदिर है जो रतनगिरी पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। हालांकि चढ़ाई करने में लगभग एक घंटा लगता है लेकिन शीर्ष से पुष्कर शहर का पैनोरमिक दृश्य हर कदम की कीमत वसूल कर देता है। झील पर संध्या आरती एक शांत,आत्मा को सुकून देने वाला अनुभव होता है। पुष्कर ब्रह्मा के मंदिर और ऊँटों के व्यापार मेले के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर का शाब्दिक अर्थ है तालाब। अजमेर से मात्र 11 किलोमीटर दूर तीर्थराज पुष्कर विश्वविख्यात है और पुराणों में वर्णित तीर्थों में इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है। राजस्थान के शहर अजमेर में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से ये एक है। अनेक पौराणिक कथाएं इसका प्रमाण हैं। यहाँ से प्रागैतिहासिक कालीन पाषाण निर्मित अस्त्र-शस्त्र मिले हैं, जो उस युग में यहाँ पर मानव के क्रिया-कलापों की ओर संकेत करते हैं।