म.प्र.के भूमि विकास नियमों में बदलाव होगा
भोपाल [ महामीडिया] म.प्र. में जमीन के साथ निर्माण की अनुमति भी ट्रांसफर हो जाएगी। अब तक जमीन खरीदने के बाद उसके लेआउट की अनुमति अलग से लेनी होती थी। भविष्य की जरूरतों के लिए राज्य सरकार भूमि विकास नियमों में जल्द बड़े बदलाव करेगी। इन्हें केंद्र के मॉडल बिल्डिंग बायलॉज 2016 के अनुरूप बनाया जाएगा। भवनों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाने, बिजली के लोड का पांच प्रतिशत नवकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित करने और अग्निशमन की आधुनिक तकनीकें अपनाने संबंधी प्रावधान किए जाएंगे। अभी तक जरूरत के अनुसार छोटे-छोटे संशोधन कर नए प्रावधान जोड़े गए हैं लेकिन बड़े स्तर पर बदलाव नहीं हुआ है। इससे कई जरूरतें पूरी नहीं हो पा रहीं। शहरी एवं आवासन मंत्रालय ने 2016 में मॉडल बिल्डिंग बॉयलाज बनाकर राज्यों को भेजा था। मप्र सरकार भी अपने भूमि विकास नियम 2012 को इन्हीं के अनुरूप बनाएगी। भवन अनुज्ञा लेते समय नए मापदंडों के अनुसार प्लान देना होगा। हाल ही में मप्र सरकार ने ईवी को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी जारी कर दी है लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के प्रावधान वर्तमान भूमि विकास नियमों में नहीं हैं। इसके अलावा रेसीडेंशियल या कमर्शियल भवन बनाने के लिए 0.25 अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) भी मिल सकेगा। यानी लोग तय निर्माण से 25 प्रतिशत ज्यादा निर्माण कर सकेंगे। इस एफएआर के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त फ्लोर निर्माण की अनुमति भी मिल जाएगी। हालांकि ये राहत ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट के जरिए खरीदनी पड़ेगी।
भूमि विकास नियमों में कई नए प्रावधान जोड़े जाएंगे। इनमें100 वर्गमीटर से ज्यादा प्लॉट साइज वाले सभी नए भवनों को ग्रीन बिल्डिंग मापदंडों के अनुसार बनाना होगा। हर 80 वर्गमीटर क्षेत्र में एक पेड़ लगाना अनिवार्य है। ऐसे भवन जो प्रतिदिन 10 हजार लीटर से अधिक पानी डिस्चार्ज करते हैं उनमें वेस्ट वाटर री साइकलिंग सिस्टम लगाना होगा। प्लॉटेड और ग्रुप हाउसिंग में कुल बिजली के लोड का 5 फीसदी या 20 वाट प्रति वर्ग फीट रुफ टॉप सोलर सिस्टम से उत्पादित करना होगा। 45 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अपार्टमेंट में आग बुझाने ऑटोमेटिक स्प्रिंकलर सिस्टम लगाना होगा। नई बनने वाली बहुमंजिला बिल्डिंग की पार्किंग में ईवी चार्जिंग पॉइंट बनाना अनिवार्य होगा। मौजूदा भवनों में भी चार्जिंग पॉइंट बनाए जा सकेंगे। ऐसा करने वालों को प्रॉपर्टी टैक्स में छूट का प्रावधान होगा।