नवीनतम
सुप्रीम कोर्ट ने उ.प्र.धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम को कठोर बताया
मुंबई [महामीडिया] सैम हिगिनबॉटम कृषि प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के जबरन सामूहिक धर्मांतरण के मामले में दर्ज एफआईआर रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई। न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 उस व्यक्ति पर बहुत कठोर बोझ डालता है जो अपने धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म को अपनाना चाहता है। न्यायालय ने यह भी रेखांकित किया कि भारत के लोगों को विचार,आस्था और उपासना की स्वतंत्रता है और यह स्वतंत्रता देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति का मूर्त रूप और अभिव्यक्ति है। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने यह देखते हुए कि उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण अधिनियम की संवैधानिक वैधता न्यायालय के समक्ष नहीं है प्रथम दृष्टया कुछ विचार व्यक्त किए।