
मानव अधिकारों पर लघु फिल्म विजेताओं की घोषणा
भोपाल [महामीडिया] राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने मानव अधिकारों पर लघु फिल्मों के लिए अपनी दसवीं प्रतिष्ठित वार्षिक प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की है। आयोग ने 2 लाख रुपये के प्रथम पुरस्कार के लिए ‘दूध गंगा-घाटी की मरती जीवनरेखा’ को चुना है। जम्मू और कश्मीर के इंजीनियर अब्दुल रशीद भट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि किस तरह दूध गंगा नदी के स्वच्छ जल में विभिन्न अपशिष्टों के मुक्त प्रवाह ने इसे प्रदूषित किया है और घाटी के लोगों की समग्र कल्याण के लिए इसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है। यह फिल्म अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में हैं। आंध्र प्रदेश के कदारप्पा राजू की ‘फाइट फॉर राइट्स’ को 1.5 लाख रुपये के दूसरे पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह फिल्म बाल विवाह और शिक्षा के मुद्दे को उठाती है। यह फिल्म अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ तेलुगु भाषा में है।तमिलनाडु के आर. रविचंद्रन की ‘गॉड’ को 1 लाख रुपये के तीसरे पुरस्कार के लिए चुना गया है। यह एक मूक फिल्म है, जिसमें एक बूढ़े नायक के माध्यम से पीने योग्य पानी के मूल्य को दर्शाया गया है। आयोग ने ‘विशेष उल्लेख प्रमाणपत्र’ के लिए चुनी गई चार लघु फिल्मों को 50,000/- रुपये का नकद पुरस्कार देने का भी फैसला किया है।