फिल्म शोले सिर्फ चार प्रिंट से रिलीज हुई थी

फिल्म शोले सिर्फ चार प्रिंट से रिलीज हुई थी

मुंबई [महामीडिया] सिनेमाघरों के प्रोजेक्शन रूम में पहले फिल्म की भारी-भरकम रील प्रोजेक्टर पर लगाई जाती थीं जिन्हें हर 15-20 मिनट में बदलना पड़ता था। जरा सी चूक होती, तो फिल्म बीच में रुक जाती या रील जल जाती। फिल्म ‘शोले’ से जुड़ा एक किस्सा । जब 'शोले' 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी, तब सिर्फ चार प्रिंट बनाए गए थे। एक दिल्ली, एक यूपी और दो मुंबई के लिए। उस समय एक ही 70mm के प्रिंट को दिल्ली के दो अलग-अलग थिएटर में अलग-अलग शो टाइमिंग के हिसाब से चलाया जाता था। थिएटरों के बीच इन प्रिंट्स को फिजिकल ट्रांसपोर्ट के जरिए पहुंचाया जाता था।मुंबई में भी यही स्थिति थी। एक ही प्रिंट को बाइक पर रखकर अलग-अलग सिनेमाघरों के बीच शिफ्ट करते थे। शान सिनेमा (विले पार्ले) से चंदन (जुहू), मिनर्वा से मेट्रो और इरॉस थिएटर से सेंट्रल प्लाजा के बीच भागदौड़ मची रहती थी। यह काम काफी जोखिम भरा था क्योंकि जरा सी देरी का मतलब होता था शो रुकना और थिएटर में ऑडियंस का हंगामा।

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