गूगल की एक और कानूनी पराजय 

गूगल की एक और कानूनी पराजय 

भोपाल [ महामीडिया] एपिक  के हाथों गूगल की कानूनी हार इस बात की गवाही देती है अब गूगल जैसी दिग्गज कंपनी का दबदबा खत्म हो सकता है। गूगल को मिली हार से अब ऐपल इंक के साथ ऐप स्टोर के एकाधिकार को खत्म होने का खतरा है। दिलचस्प बात यह है कि गूगल इससे करीब 200 बिलियन यानी 200 अरब डॉलर की कमाई करता है और साथ ही यह भी तय करता है कि अरबों उपभोक्ता मोबाइल डिवाइसेज का कैसे उपयोग करें।सेन फ्रांसिस्को जूरी की तरफ से जो फैसला सुनाया गया वह ऐप्स में दो कंपनियों के बिजनेस मॉडल के लिए एक झटका है। क्योंकि ये कंपनियां सॉफ्टवेयर डेवलपर्स से 30 फीसदी तक कमीशन लेती हैं और वह तब लेती हैं जब डेवलपर्स के पास आमतौर पर कुछ दूसरे ऑप्शन्स भी होते हैं।एपिक ने इसके खिलाफ कई सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ी। अब जाकर एक फेडेरल जूरी इस बात पर सहमत हुई है कि अल्फाबेट इंक की गूगल ने एकाधिकार के रूप में गलत तरीके से काम किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले के बाद ऐप स्टोर नियमों को लेकर ढील दी जाएगी। हालांकि यह पहले से ही दुनिया भर के नियामकों और कानून निर्माताओं के निशाने पर है। भारत में भी गूगल के खिलाफ इस मामले को लेकर कई केस दर्ज किए गए थे।
 

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