भोपाल [महामीडिया] मेथी का प्रयोग मसाला के रूप में भारतीय रसोई में किया जाता है। आयुर्वेद में भी मेथी के फायदे को देखते हुए औषधीय गुण प्रदर्शित करनेवाला बीज बताया गया है। मेथी की तासीर गर्म होती है। आयुर्वेद के अनुसार मेथी वात ,पित्त और कफ को शांत करती है। इस तरह यह त्रिदोष को शांत करने वाली बीज है। त्रिदोष से होनेवाली सभी समस्या में यह लाभकारी है। मेथी दाना हल्का भूरा और पीले रंग का छोटा बीज होता है। इसके पौधे की लम्बाई एक से दो फ़ीट तक होती है। इसकी पत्तियों का प्रयोग साग ,सब्जी ,रोटी ,पराठे आदि बनाने में किया जाता है। इसकी खेती सर्दी में होती है। इसकी खेती केवल पत्तियों के लिए भी की जाती है। इसमें सफ़ेद रंग के छोटे फूल आते हैं। लम्बी और पतली फलियां होती है ,जिसमें इसके बीज होते हैं। एक फली में 10 से 20 बीज होते हैं। यह स्वाद में कड़वा होता है। इसकी अलग – अलग किस्मो के आधार पर इसके दाने भी आकार में छोटे और बड़े होते हैं। मेथी दाना में कार्बोहाइड्रेट ,प्रोटीन , फैट ,फाइबर ,आयरन ,पोटैशियम ,जिंक ,कॉपर ,मैग्नीशियम ,मैंगनीज ,कैल्शियम ,सेलेनियम ,विटामिन ए ,विटामिन बी ,विटामिन सी ,एंटीऑक्सीडेंट्स ,प्लांट कंपाउंड्स आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। नीचे टेबल में 100 ग्राम मेथी दाना और 10 ग्राम मेथी दाना में मौजूद पोषक तत्व की मात्रा बताई गयी है। एक टेबलस्पून मेथी दाना 10 ग्राम के करीब होता है।