
वर्षा ऋतु में स्वास्थ्य की देखभाल
भोपाल [महामीडिया] मानसून के दौरान नमी और तापमान में बदलाव के कारण वातावरण में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस की संख्या बढ़ जाती है। इससे पाचन कमजोर होता है और शरीर की इम्यूनिटी कम होने लगती है। यही वजह है कि इस मौसम में सर्दी-जुकाम, बुखार, स्किन प्रॉब्लम्स और पेट के इन्फेक्शन तेजी से फैलते हैं। कमजोर इम्यूनिटी वालों पर इनका असर जल्दी होता है। आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों को इम्यूनिटी बूस्टर माना गया है। ये एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, और एंटी-इन्फ्लेमेटरी होती हैं। इन्हें आप काढ़ा, चाय या भोजन में शामिल कर सकते हैं। यह हर्ब्स आपकी रसोई में मौजूद होती हैं और इनका इस्तेमाल आसान भी है। सुबह एक कप तुलसी-अदरक की चाय लें। दोपहर के खाने में हल्दी और पुदीना शामिल करें। शाम को लेमनग्रास या दालचीनी वाली चाय पी सकते हैं। रात को हल्दी वाला दूध या गिलोय का काढ़ा भी फायदेमंद है। कोशिश करें कि प्रोसेस्ड फूड की जगह यह नेचुरल हर्ब्स आपकी डाइट का हिस्सा बनें। इन हर्ब्स का असर धीरे-धीरे दिखता है। अगर आप इन्हें रोजाना संतुलित मात्रा में लेते हैं, तो 2 से 4 हफ्तों में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर महसूस होने लगती है। हालांकि, यह आपकी उम्र, लाइफस्टाइल और डाइट पर भी निर्भर करता है। हर्ब्स कोई जादू नहीं हैं, बल्कि एक नेचुरल सपोर्ट हैं जिन्हें नियमित रूप से लेने पर असर दिखता है।