
बरसात में आकाशीय बिजली से बचाव
भोपाल [महामीडिया] आकाशीय बिजली अधिकतर सबसे ऊंची जगहों और कंडक्टर की ओर आकर्षित होती है। हालांकि बिजली का व्यवहार पूरी तरह से अनिश्चित हो सकता है, लेकिन खुले मैदान, ऊंचे पेड़ों या पानी के पास रहने से बचना चाहिए। अगर आप बिजली से सुरक्षा चाहते हैं, तो किसी मजबूत इमारत के अंदर रहें या बिजली रोधक वाली जगह पर जाएं। जब क्षेत्र में गरज के साथ बारिश हो रही हो, तो बाहर कोई सुरक्षित जगह नहीं होती। बस याद रखें, जब गरज के साथ बारिश हो, तो घर के अंदर चले जाएं। बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज पैदा होता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।खेत, खाली मैदान, पहाड़ी इलाके नदी या तालाब के आसपास खुली और नम जगहों पर बिजली गिरने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इन इलाकों में मौजूद ऊंची या धातु की चीजें बिजली को आकर्षित करती हैं। जब आसमान में काले बादल हों, तेज हवा चले, गरज के साथ तेज बरसात हो रही हो, तब बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है। जून से सितंबर महीने के बीच यह खतरा सबसे ज्यादा होता है।