विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज

भोपाल [महामीडिया] हर साल 10 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2003 में  की थी।इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनिया को यह संदेश देना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है और इसके लिए समाज, परिवार, सरकार और हर व्यक्ति को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी। आत्महत्या आज एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है। हर साल लाखों लोग आत्महत्या कर अपनी जान गंवा देते हैं। अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो यह केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं होता। यह परिवार, दोस्तों, कार्यस्थलों और पूरे समाज पर गहरा सामाजिक, भावनात्मक और आर्थिक असर डालता है।इन दिन को मनाने की वजह एक खुली बातचीत को प्रोत्साहित करना है, जिसमें लोग बिना झिझक अपनी पीड़ा दूसरों के साथ साझा कर सकें। यह विषय केवल सामाजिक सोच बदलने की बात नहीं करता बल्कि नीतिगत बदलाव की भी मांग करता है, ताकि आत्महत्या रोकथाम को सार्वजनिक नीति में प्राथमिकता दी जा सके, गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, और संकटग्रस्त व्यक्तियों तक समय पर मदद पहुंच सके।आत्महत्या रोकथाम जागरूकता का प्रतीक 2016 में लॉन्च किया गया पीले और नारंगी रंग का रिबन है। यह रिबन मोमबत्ती की लौ का प्रतीक है और अंधेरे से प्रकाश की ओर बढ़ने का संदेश देता है। भारत में आत्महत्या के कई कारण हैं, जिनमें पारिवारिक समस्याएं, बीमारियां और आर्थिक संकट प्रमुख हैं। इसके अलावा दहेज, तलाक, विवाह संबंधी तनाव, अवांछित गर्भधारण, विवाहेतर संबंध और सामाजिक दबाव भी बड़ी वजहें हैं। घरेलू हिंसा का आत्मघाती विचारधारा से गहरा संबंध पाया गया है और किसानों की आत्महत्याओं ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।एक वैश्विक अनिवार्यता यह मानती है कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस ने जागरूकता बढ़ाने और कलंक को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है। आज 60 से अधिक देशों में यह दिन सैकड़ों कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है और यह दिन अब वैश्विक स्तर पर आत्महत्या रोकथाम का प्रतीक बन चुका है।

 

 

 

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