
भारत में शाम की अदालतों पर विचार शुरू
नई दिल्ली [महामीडिया] चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट के दो सीनियर जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सीनियर हाईकोर्ट के जजों ने हाईकोर्ट में रिक्तियों को भरने, एडहॉक जज की नियुक्ति और शाम की अदालतों की स्थापना पर चर्चा की। सीजेआई संजीव खन्ना और सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिसों और जजों के साथ चर्चा का नेतृत्व किया। पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित मामलों के मुद्दे को संबोधित करने के लिए अनुच्छेद 224 ए के अनुसार रिटायर हाईकोर्ट जजों को एडहॉक जज के रूप में नियुक्त करने की शर्तों में ढील दी थी। शाम की अदालतों का विचार भी लंबित मामलों के मुद्दे से निपटने के लिए प्रस्तुत किया गया।
यह बैठक शनिवार को सीजेआई संजीव खन्ना के मार्गदर्शन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित “राज्य न्यायपालिका के समक्ष आने वाले मुद्दों के समाधान पर राष्ट्रीय सम्मेलन” के बाद आयोजित की गई।इस सम्मेलन के पीछे का विचार राज्य न्यायपालिका, विशेष रूप से जिला कोर्ट में विभिन्न हितधारकों और पदाधिकारियों के साथ सार्थक संवाद करना था जिससे पहले उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझा जा सके और उसके बाद उनका समाधान करने के लिए एक योजना तैयार की जा सके।