चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी का अवतरण दिवस

चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी का अवतरण दिवस

भोपाल [महामीडिया] सनातन धर्म में चैत्र माह का विशेष महत्व है। इस माह के आने का हनुमान जी के भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस माह में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का अवतरण हुआ था। इसी वजह से चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव  के रूप में मनाया जाता है।इस दिन बजरंगबली की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। इससे प्रभु प्रसन्न होते हैं और जीवन खुशहाल होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि साल में 2 बार हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह  03 बजकर 21 मिनट पर हो रही है और तिथि का समापन अगले दिन यानी 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जी का अवतरण हुआ था। तो इसलिए इस दिन जन्म लेने की वजह से उनका चैत्र पूर्णिमा पर  जन्मोत्सव मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भी हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस हनुमान जयंती को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। बचपन में बजरंगबली को भूख लगी, तो वह सूर्य को फल समझकर खाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने सूर्य को खाने का प्रयास किया,जिसकी वजह से पृथ्वी पर अंधेरा छाने लगा। इस बात के बारे में इंद्रदेव को पता लगा, तो प्रभु को रोकने लिए अपने वज्र से प्रहार कर दिया जिसकी वजह से हनुमान जी मूर्छित हो गए।

इस दृश्य को देख पवनदेव क्रोधित हुए और उन्होंने ब्रह्मांड की प्राण वायु रोक दी, जिसकी वजह से पृथ्वी लोक पर हाहाकार मच गया। ऐसे में फिर ब्रह्माजी ने पवनदेव करने का प्रयास किया और बजरंगबली को जीवनदान दिया। इसी वजह से चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।

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