
मीडिया को सच बोलने से नहीं रोका जा सकता -प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़
नई दिल्ली [ महामीडिया] प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐसी खबरों में विभिन्न समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की क्षमता होती है। ये लोकतांत्रिक मूल्यों को भी खतरे में डाल सकती हैं। बुधवार को यहां रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अगर प्रेस को सच बोलने से रोका जाता है तो लोकतंत्र की जीवंतता को खतरा पैदा हो जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर देश को लोकतंत्रिक रहना है तो प्रेस को स्वतंत्र रहना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि पत्रकारों और वकीलों (या उनके जैसे न्यायाधीश) में कुछ चीजें ऐसी हैं जो समान हैं। दोनों ही मानते हैं कि तलवार से अधिक ताकतवर कलम होती है। न्यायाधीशों और पत्रकारों को अपने पेशे के आधार पर नापसंद किए जाने का व्यावसायिक खतरा होता है जो सहन करना आसान नहीं है।