महर्षि संस्थान में चेतना पर आधारित शिक्षक प्रशिक्षण संपन्न

महर्षि संस्थान में चेतना पर आधारित शिक्षक प्रशिक्षण संपन्न

भोपाल [महामीडिया ]महर्षि सेंटर फॉर एजुकेशनल एक्सीलेंस बैरसिया मार्ग भोपाल में “महर्षि चेतना पर आधारित शिक्षा” के देशव्यापी शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं सीबीएसई शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम आज संपन्न हुआ। 

कार्यक्रम का प्रारम्भ भावातीत ध्यान एवं गुरु पूजा से किया गया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कौशल विकास निगम की प्रमाणित प्रशिक्षक एकता सरीन थी। उन्होंने शिक्षकों को बताया की आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच कौशल का विकास कैसे छात्रों में पहचानें एवं जागृत करें। आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच कौशल और गतिविधियों की एक संक्षिप्त रचना है जो छात्रों के विकास के लिए आवश्यक है। 

कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रशिक्षण कार्यक्रम की पूर्णता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महर्षि विद्या मंदिर समूह विद्यालय के अध्यक्ष आदरणीय ब्रह्मचारी गिरीश जी थे। कार्यक्रम के अन्य अतिथियों में भुवनेश शर्मा जी, विजय रत्न खरे , श्रीमती आर्या नंद कुमार,  रामदेव दुबे,  रामविनोद सिंह गोर एवं  जे पी शर्मा थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम भले ध्यान शिक्षक ना हो फिर भी हमें भावातीत ध्यान का समाज में प्रचार एवं प्रसार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें महर्षि जी की चेतना पर आधारित शिक्षा को पूरे विश्व में विस्तारित करना है। उन्होंने बताया कि वैदिक विज्ञान की तकनीक का एक वर्ष में सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचार प्रसार करना है एवं अगले दो से तीन वर्ष में लगभग ३० देशों में इसे विस्तारित करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो युद्ध प्रारम्भ हुआ है उसको समाप्त करने का एक ही उपाय स्थाई विश्व शांति की स्थापना है जो कि महर्षि प्रणीत भावातीत ध्यान के प्रचार प्रसार द्वारा लाई जा सकती है। उन्होंने कहा इस कार्य में सभी को सहयोग देना होगा। कार्यक्रम में भूवनेश शर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा की “मम आत्मा सर्वभूत आत्मा“। शिक्षक छात्रों के आदर्श होते हैं, अतः हमें महर्षि जी के चेतना पर आधारित ज्ञान को ग्रहण करके एक अच्छे शिक्षक बनकर छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है। कार्यक्रम में सभी विद्यालय के शिक्षकों ने अपने प्रशिक्षण कार्य का अनुभव साझा किया। कार्यक्रम के अंतर्गत सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्य का प्रमाणपत्र वितरित किया गया।

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