
विटामिन-डी की कमी से बचाव के उपाय
भोपाल [महामीडिया] विटामिन-डी एक ऐसा विटामिन है जिसे हमारा शरीर प्राकृतिक धूप की मदद से बनाता है लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों में इसकी कमी देखने को मिलती है। विटामिन-डी की कमी महिलाओं में भी काफी आम है हालांकि हमारा शरीर कुछ संकेतों से इसकी कमी की और बताता है। विटामिन-डी की कमी के लक्षण इतने सामान्य और धीरे-धीरे दिखाई देते हैं कि महिलाएं अक्सर उन्हें थकान या तनाव का नाम देकर नजरअंदाज कर देती हैं लेकिन चिंता की बात यह है कि इन लक्षणों की अनदेखी आगे चलकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए इनकी पहचान करना जरूरी है। अगर पूरी नींद लेने के बाद भी थकान या कमजोरी महसूस होती है तो इसका कारण विटामिन-डी कम होना भी हो सकता है। विटामिन-डी सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर्स का फ्लो रेगुलेट करता है। इसलिए शरीर में इसकी कमी होने पर थकान महसूस होने लगती है । विटामिन-डी सिर्फ हड्डियों ही नहीं बल्कि मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और अचानक ऐंठन, खासकर रात के समय, हो सकती है। पैरों और जांघों की मांसपेशियों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। सूर्य की किरणों की मदद से शरीर को काफी अच्छी मात्रा में विटामिन डी लिया जा सकता है। रोजाना धूप में बाहर जरूर निकलें या थोड़ी देर बैठ भी सकते हैं।
1. धूप से प्राकृतिक सप्लीमेंट-
सुबह 8 से 10 बजे तक की हल्की धूप में 15–20 मिनट तक रहना सबसे असरदार तरीका है।
2. विटामिन D युक्त आहार-
मशरूम
फोर्टिफाइड दूध और अनाज