
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति का प्रस्ताव सार्वजनिक
भोपाल [महामीडिया] आज राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2025 का प्रस्ताव सार्वजनिक किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार सरकार का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र में सालाना निवेश दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपये करना दूरसंचार उत्पादोंऔर सेवाओं के निर्यात के साथ क्षेत्र में स्टार्टअप को दोगुना करना और 10 लाख नए रोजगार सृजित करना है। आज जारी किए गए नीति के मसौदे पर अगले 21 दिनों के भीतर हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। मसौदा नीति में यह प्रस्ताव है कि अगले 5 साल में देश के सकल घरेलू उत्पाद में दूरसंचार क्षेत्र का योगदान दोगुना होना चाहिए। दूरसंचार क्षेत्र में 10 लाख नए रोजगार सृजित करने के अलावा उद्योग के लिए भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए इतनी ही संख्या में लोगों को फिर से प्रशिक्षित या बेहतर कौशल प्रदान करने का भी प्रस्ताव है।नीति के अनुसार वर्ष 2030 तक करीब 80 फीसदी दूरसंचार टावर को फाइबर से लैस करना है। वर्तमान में 46 फीसदी टावर फाइबर से लैस हैं। इसके साथ ही कम से कम 90 फीसदी आबादी को 5जी के दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी के लिए सार्वभौम और सार्थक कनेक्टिविटी प्रदान करने के अपने मिशन के तहत दूरसंचार विभाग ने गांव के स्तर पर सभी सरकारी संस्थानों को इंटरनेट से जोड़ने और देश भर में 10 करोड़ घरों तक फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड के प्रसार का प्रस्ताव रखा है।राष्ट्रीय दूरसंचार नीति ने डिजिटल भारत निधि के तहत योजनाओं को शुरू करने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स्ड-लाइन ब्रॉडबैंड के प्रसार को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन देने का भी प्रस्ताव किया है। नीति में कहा गया है कि अतिम छोर तक कनेक्टिविटी प्रदान करने वाले छोटे इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय दूरसंचार नीति ने समुद्री केबल इन्फ्रास्ट्रक्चर नियमन के लिए हल्के-फुल्के नियामक ढांचे के गठन करने का भी प्रस्ताव किया है।देश में दूरसंचार उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए नीति में दूरसंचार और नेटवर्क उपकरण डिजाइन और विनिर्माण पारिस्थितिकी के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचा बनाने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही दूरसंचार और नेटवर्क उत्पादों के विनिर्माण के लिए एंड-टू-एंड आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने के लिए विशेष दूरसंचार विनिर्माण क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव किया है।