संस्कृत सभी भाषाओं की जननी: भागवत

संस्कृत सभी भाषाओं की जननी: भागवत

नागपुर (महामीडिया): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत है। अब समय आ गया है कि इसे बोलचाल की भाषा बनाया जाए। नागपुर में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संस्कृत को केवल समझना नहीं, बोलना भी आना चाहिए।

भागवत ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय को सरकार का सहयोग तो मिलेगा ही लेकिन असली जरूरत लोगों के सहयोग की है। उन्होंने माना कि वे संस्कृत जानते हैं लेकिन धाराप्रवाह बोल नहीं पाते। उन्होंने कहा कि संस्कृत को हर घर तक पहुंचाना होगा और इसे बातचीत का माध्यम बनाना पड़ेगा।

भागवत ने कहा कि आज देश में आत्मनिर्भर बनने की भावना पर आम सहमति है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी बौद्धिक क्षमता और ज्ञान को विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि भाषा केवल शब्दों का माध्यम नहीं, बल्कि भाव होती है और हमारी असली पहचान भी भाषा से ही जुड़ी होती है।
 

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