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म.प्र. की संपत्तियों का सदुपयोग करेगी सरकार
भोपाल [महामीडिया] म.प्र. देश के दूसरे राज्यों में मौजूद एमपी के अलग-अलग विभागों की संपत्ति बेचने और उसे किराए पर देने की तैयारी है। वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। जिसमें पूछा है कि किस राज्य में कितनी संपत्ति किस रूप में है और उसका मूल्य क्या है? अगर किसी प्रॉपर्टी का कोर्ट में केस चल रहा है किसी तरह का विवाद है तो इसकी भी जानकारी दी जाए। इस कवायद का मकसद प्रदेश के बाहर मौजूद अलग-अलग विभागों की संपत्ति का डेटा जुटाना है। ताकि उसे बेचकर या किराये पर देकर राशि जुटाई जा सके। इन जानकारियों के आधार पर लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग पूरे देश में फैली इन संपत्तियों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार कर रहा है। यह विभाग इन संपत्तियों के मुद्रीकरण यानी मॉनेटाइजेशन की रणनीति बनाएगा। केरल के वायनाड से लेकर मुंबई के पॉश इलाकों तक म.प्र. की करोड़ों-अरबों की संपत्तियां हैं जो या तो विवादों में फंसी हैं या उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।म.प्र.की कंपनी प्रोविडेंट इंवेस्टमेंट कंपनी लिमिटेड के अधिकार में केरल के वायनाड जिले में 554.05 एकड़ की विशाल बीनाची एस्टेट है। इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा (453.96 एकड़) केरल प्राइवेट फॉरेस्ट एक्ट, 1971 के तहत केरल सरकार के अधीन कर दिया गया था जिसके खिलाफ पीआईसीएल ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 12 फरवरी 2021 को हुई अंतिम बैठक में यह तय हुआ कि बीनाची एस्टेट को एक उचित मुआवजे के आधार पर केरल सरकार को सौंप दिया जाएगा। मुआवजे की राशि दोनों राज्यों के अधिकारी मिलकर तय करेंगे और सहमति न बनने पर एक आर्बिट्रेटर नियुक्त किया जाएगा। संपत्ति सौंपने के बाद केरल सरकार वहां बसे 160 अतिक्रमणकारी परिवारों को भूमि आवंटित करने पर विचार करेगी।