प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के सामने गूगल झुका 

प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के सामने गूगल झुका 

भोपाल [ महामीडिया] आप जब भी कोई नया एंड्रायड फोन खरीदते हैं तो उसमें पहले से ही गूगल के कुछ एप इंस्टॉल रहते हैं। आप चाहें तब भी इन्हें हटा नहीं सकते। क्योंकि गूगल मोबाइल बनाने वाली कंपनियों को इसी शर्त पर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम दे रहा था कि उन्हें उसके एप प्री-इंस्टॉल करने होंगे, लेकिन बुधवार को गूगल ने ऐलान किया कि अब मोबाइल में गुगल रखना कंपलसरी नहीं होगा। यह मोबाइल कंपनियों की इच्छा पर निर्भर है कि वे गूगल के एप प्री-इंस्टॉल करें या न करें। गूगल पर इन्हीं एप के जरिए विज्ञापन बाजार में भी मोनोपोली जमाने के आरोप हैं।गूगल को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा उस पर लगाए गए 1337.76 करोड़ रु. के जुर्माने पर रोक से इनकार कर दिया था। प्रतिस्पर्धा आयोग की जुर्माना लगाने की वजह यह थी कि गूगल एंड्रॉयड के बदले में मार्केट में कंपटीशन के नियमों का उल्लंघन कर रहा था। गूगल ने कहा कि हम भारत के नियमों का पालन करने के लिए कमिटेड हैं। अब मोबाइल निर्माता कंपनियों को फोन में गूगल एप प्री-इंस्टॉल करने के लिए लाइसेंस देने की छूट होगी। प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्ले स्टोर पॉलिसी को लेकर भी गूगल पर 936 करोड़ का जुर्माना लगाया था।

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