
भारत दुनिया का दसवाँ बड़ा बीमा बाजार बना
भोपाल [ महामीडिया] भारत दुनिया में दसवें सबसे बड़े बीमा बाजार के रूप में उभरा है और वर्ष 2021 में उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। उम्मीद है कि यह वर्ष 2032 तक जर्मनी, कनाडा, इटली और दक्षिण कोरिया से आगे दुनिया के शीर्ष छह बीमा बाजारों में से एक के रूप में उभरेगा।देश में बीमे का दायरा सदी के आखिर तक 2.7 प्रतिशत के स्तर से लगातार बढ़ते हुए वर्ष 2021 में 4.2 प्रतिशत हो गया है। इसमें जीवन बीमा का दायरा 3.2 प्रतिशत है, जो उभरते बाजारों की तुलना में लगभग दोगुना और वैश्विक औसत से कुछ अधिक है।इसके बावजूद ज्यादातर ग्राहक बचत से जुड़े जीवन बीमा उत्पाद खरीदते हैं, जिनमें सुरक्षा का अंश कम रहता है।देश में बीमा बाजार के अपेक्षाकृत तेजी से विस्तार के मद्देनजर देश में बीमा सघनता वर्ष 2001 के 11.1 डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021 में 91 डॉलर हो गया है। (जीवन बीमा के मामले में वर्ष 2021 के दौरान यह सघनता 69 डॉलर और गैर-जीवन बीमा के मामले में 22 डॉलर थी)।जहां बीमे का दायरा सकल घरेलू उत्पाद के साथ बीमा प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में मापा जाता है, वहीं बीमा सघनता की गणना जनसंख्या के साथ प्रीमियम के अनुपात (प्रति व्यक्ति प्रीमियम) के रूप में की जाती है। भारतीय बीमा विनियामक के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने कहा था कि बीमा क्षेत्र को करीब पांच से सात वर्षों की अवधि में बीमे का दायरा दोगुना करने के लिए हर साल लगभग 50,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की जरूरत होगी।बीमा क्षेत्र अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है और इसमें पहले ही विलय और अधिग्रहण की गतिविधि नजर आ रही है क्योंकि बीमाकर्ताओं के पास इस क्षेत्र में सह-अस्तित्व के लिए जबरदस्त अवसर और वॉल्यूम है। तेजी से परिपक्व हो रहे बीमा बाजार ने सरकार को बीमा कारोबार में अपनी हिस्सेदारी का निजीकरण करने का आकर्षक अवसर प्रदान किया है ।