कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का सतत सेवा के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का सतत सेवा के मामले में महत्वपूर्ण निर्णय

भोपाल [महामीडिया] कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक महत्वपूर्ण परिपत्र जारी किया है जो नौकरी बदलने वाले कर्मचारियों और उनके आश्रितों को लाभ पहुंचाएगा। इस नए निर्णय के साथ सप्ताहांत और सरकारी छुट्टियों के कारण सेवा में कोई अंतराल नहीं होगा जो मृत्यु दावों से संबंधित विवादों को काफी हद तक समाप्त कर सकता है। यदि कोई कर्मचारी एक कंपनी छोड़कर दूसरी कंपनी में शामिल होता है और बीच में केवल शनिवार, रविवार या कोई घोषित अवकाश आता है तो इसे सेवा में ब्रेक नहीं माना जाएगा। पहले कई मामलों में देखा गया था कि जब दो नौकरियों के बीच सप्ताहांत आता था तो कर्मचारी की सेवा को टूटा हुआ माना जाता था जिसके कारण उसके परिवार को बीमा और पेंशन से संबंधित लाभ नहीं मिल पाते थे। अब, यदि किसी कर्मचारी के पास केवल साप्ताहिक अवकाश, राष्ट्रीय अवकाश, अधिसूचित अवकाश, राज्य अवकाश या सीमित अवकाश हों एक नौकरी के अंत और दूसरी नौकरी की शुरूआत के बीच तो इसे सतत सेवा माना जाएगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने यह भी कहा है कि अगर नौकरी बदलने के दौरान अधिकतम 60 दिनों का अंतराल हो तो भी सेवा को सतत माना जाएगा।

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