बच्चों में संस्कार विकसित करना हमारा कर्तव्य : ब्रह्मचारी गिरीश जी

बच्चों में संस्कार विकसित करना हमारा कर्तव्य : ब्रह्मचारी गिरीश जी

 भोपाल [महामीडिया ] भोपाल स्थित महर्षि किड्स होम अयोध्या नगर,भोपाल में आज दो दिवसीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में पूरे देश के महर्षि किड्स होम स्कूलों के छोटे-छोटे बच्चे रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे रहे हैं। कार्यक्रम के शुभारंभ में महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तंड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने अपने संदेश में कहा कि महर्षि जी का दृढ़मत था कि बच्चों को बहुत कम आयु से ही भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुसार संस्कार देना चाहिए ताकि वे विश्व के श्रेष्ठ नागरिक बन सकें। इसी विचार को कार्य रूप में रूपांतरित करते हुए उनके प्रिय शिष्य ब्रह्मचारी गिरीश जी द्वारा पूरे देश में महर्षि किड्स होम प्रारंभ किए गए हैं ताकि आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार युक्त शिक्षा भी प्रदान की जा सके जिसमें गायत्री मंत्र से लेकर भोजन मंत्र तक सिखाया जाता है। इसके साथ ही भावातीत ध्यान का नियमित अभ्यास भी कराया जाता है। राष्ट्रीय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके । कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के निदेशक संचार एवं जनसंपर्क विजय रत्न खरे, महर्षि संस्थान की संयुक्त निर्देशिका श्रीमती रीता प्रकाशम एवं महर्षि किड्स होम की प्राचार्या श्रीमती अंजलि सिंह कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम का शुभारंभ किलकारी समूह द्वारा सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता से हुआ। ग्रुप ए ने भाव भंगिमाओं से परिपूर्ण शानदार नृत्य की प्रस्तुति की इसमें नटखट बच्चों ने सराहनीय प्रस्तुतिकरण दिया। इसके पश्चात स्कूल कोड बी के सात बालिकाओं के समूह में सामूहिक नृत्य को प्रस्तुत किया। स्कूल कोड सी में सात बालिकाओं के समूह ने सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी जिसमें छोटे-छोटे बच्चों का एक समान पहनावा आकर्षण करने वाला था। स्कूल कोड डी में आठ बच्चों के समूह ने सुमधुर प्रस्तुति देकर मन मोह लिया इस नृत्य प्रस्तुति ने बाल प्रतिभाओं की प्रतिभा को सुंदर रूप से रेखांकित किया। सुर , लय एवं ताल के साथ यह प्रस्तुति भी मनमोहक थी। इसके पश्चात स्कूल कोड ई ने श्री कृष्णा कृष्णा के बोल पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति देखने लायक की जिसमें तीन बालक एवं तीन बालिकाओं ने मिलकर मिली जुली प्रस्तुति देकर भाव विभोर कर दिया। राधा एवं कृष्ण को प्रतिबिबित करती हुई यह प्रस्तुति अपनी स्पष्ट छाप छोड़ने में सफल रही। स्कूल कोड एफ मैं कर बालक एवं चार बालिकाओं की मिश्रित टीम ने ग्रामीण संस्कृति की स्पष्ट छाप छाप छोड़ते हुए ग्रामीण वेशभूषा एवं परिधान युक्त ग्रामीण जीवन शैली को रेखांकित किया। ठीक इसी तरह किलकारी की टीम कोड ए से लेकर अप तक की टीमों ने अपने-अपने गायन की उत्कृष्ट प्रस्तुतियां देकर झकझोर दिया। इस दौरान टीम कोड एफ ने आगे आगे मैया पीछे-पीछे छोटे भाई के बोल पर छोटे-छोटे बच्चों का गायन सुर,लय एवं ताल के साथ नजर आया। इस दौरान स्कूल कोड इन के एक बच्चे ने एक एकल प्रस्तुति देकर देश भक्ति से ओत प्रोत संदेश दिया। यह मेरा इंडिया आई लव इंडिया का प्रस्तुतीकरण ओज पूर्ण था। ग्रुप सी में किलकारी सोलो डांस की एकल नृत्य प्रस्तुति में बालिका की प्रस्तुति खोजपूर्ण एवं लय पूर्ण थी। इसके पश्चात ग्रुप डी में एकल नृत्य प्रस्तुति वेशभूषा के साथ कदमताल करती नजर आई। मटकी के साथ में विभिन्न भाव भंगिमाओं की शानदार प्रस्तुति दी गई। स्कूल कोड एफ की प्रस्तुति में महाराजाओं की वेशभूषा में एकल नृत्य प्रस्तुति अपना प्रभाव छोड़ पाने में सफल रही। स्कूल कोड ई की एकल प्रस्तुति के दौरान एक बालक ने यातायात के नियमों में चित्रों को प्रदर्शित करते हुए रंगों के माध्यम से प्रस्तुति दी। उसके पश्चात छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल कोड ए से लेकर स्कूल कोड एफ तक श्लोक वचन एवं कविता वाचन की शानदार प्रस्तुतियों का दौर जारी है। राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार गुरु पूजन से प्रारंभ हुआ इसके पश्चात दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में निर्णायक मंडल की सदस्यों के रूप में सेवानिवृत प्राचार्या श्रीमती रंजीत कौर एवं सेवानिवृत शिक्षिका श्रीमती साधना दुबे मंच पर उपस्थित हैं।

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