म.प्र. में 15 लाख से अधिक फर्जी राशन हितग्राही उजागर

म.प्र. में 15 लाख से अधिक फर्जी राशन हितग्राही उजागर

भोपाल [महामीडिया] म.प्र. सरकार ने ई-केवायसी को अनिवार्य कर दिया है। इसका सीधा मकसद यह है कि राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए और हर दाना सही व्यक्ति तक पहुंचे। अभी तक सरकार की ई-केवाईसी की प्रक्रिया में प्रदेशभर में 15 लाख से अधिक फर्जी हितग्राही मिले हैं जो हर महीने गरीबों के करोड़ों रुपए के अनाज डकार रहे थे। ई-केवाईसी प्रक्रिया से फर्जी राशन कार्ड बनवाने वाले बेनकाब होने लगे हैं। वहीं ऐसे पात्र हितग्राहियों को भी राशन मिलेगा जो किन्हीं कारणों से छूट जाया करते थे। ऐसे में अब फर्जी कार्ड बनवाने वालों में हडक़ंप मच गया है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की सख्ती के चलते प्रदेशभर में राशन लेने वाले हितग्राहियों की ई-केवायसी शुरू कराई गई थी। ई-केवायसी करके सभी अपात्रों को चिह्नित करके उनके नाम काटे जा रहे हैं।  

कमिश्नर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि "नए पीडीएस सिस्टम लागू होने पर ई-केवाईसी अनिवार्य किया गया है। इसके लिए हम लगातार अभियान चला रहे हैं। जो भी अपात्र हितग्राही हैं उन्हें ई-केवायसी के जरिए ट्रैस कर रहे हैं। अब तक 15 लाख से अधिक अपात्र हितग्राही सामने आ चुके हैं जिनके नाम सिस्टम से हटाने की कार्रवाई की जा रही है।"

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