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पूर्व CJI पर जूता फेंकने मामले में SC ने केंद्र-SCBA से मांगे सुझाव
नई दिल्ली (महामीडिया): सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) से कहा कि वे कोर्ट रूम में पूर्व CJI बी आर गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश जैसी घटनाओं को दोबारा होने से रोकने के लिए सुझाव दें।
चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सीनियर वकील और SCBA प्रेसिडेंट विकास सिंह से इस मुद्दे से निपटने के लिए गाइडलाइंस जारी करने के लिए सुझाव देने को कहा. कोर्ट ने ऐसी घटनाओं पर मीडिया की रिपोर्टिंग के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) बनाने को भी कहा।
CJI ने कहा, "सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और सीनियर वकील ने मिलकर कहा है कि वे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बचाव के उपाय सुझाते हुए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग और उन्हें पब्लिसाइज करने के लिए अपनाए जाने वाले प्रोटोकॉल के बारे में मिलकर सुझाव देंगे। "
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी करने की प्रोसेस से जुड़ी औपचारिकता को रियायत दे दी है. उसने कहा कि यह मामला टकराव वाला नहीं है और इसलिए एक कॉमन सुझाव दिया जा सकता है. इससे पहले जस्टिस कांत ने 12 नवंबर को कहा, "जो भी करने की जरूरत होगी, हम अगली तारीख पर देखेंगे. हम अटॉर्नी जनरल से भी इस बारे में अपने सुझाव देने का अनुरोध करेंगे। "
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट SCBA की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें वकील किशोर के खिलाफ कंटेम्प्ट की कार्रवाई की मांग की गई थी.इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 71 साल के वकील राकेश किशोर के खिलाफ क्रिमिनल कंटेम्प्ट की कार्रवाई शुरू करने से मना कर दिया था. वकील ने उस समय के CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की थी।
अदालती कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले किशोर ने अपने कृत्य को उचित ठहराते हुए दावा किया था कि पिछले महीने भगवान विष्णु की मूर्ति मामले में की गई टिप्पणियों से वह बहुत आहत हुए हैं. इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें अंतरिम रूप से निलंबित कर दिया और देश की किसी भी अदालत में वकालत करने पर रोक लगा दी थी।