बोर्ड के निर्णय लेना नियामक का काम नहीं : रिजर्व बैंक 

बोर्ड के निर्णय लेना नियामक का काम नहीं : रिजर्व बैंक 

वाराणसी [महामीडिया] रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि बैंक के निदेशक मंडलों की जगह निर्णय लेना नियामक का काम नहीं है। मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय स्थिरता केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता है। उन्होंने अक्टूबर में मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान घोषित सुधारों की घोषणाओं के संदर्भ में यह बात कही।केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने 22 उपायों की घोषणा की थी जिनमें बैंकों को अधिग्रहणों के लिए ऋण देने की अनुमति शेयर के एवज में ऋण की सीमा बढ़ाने और ऋण हानि की प्रोविजनिंग के लिए अपेक्षित ऋण हानि ढांचे में परिवर्तन के लिए मसौदा मानदंडों को निर्धारित करना शामिल हैं। पिछले एक दशक में भारतीय बैंकों की वित्तीय सेहत में सुधार हुआ है और उन्हें व्यवसाय करने की अधिक स्वतंत्रता भी मिली है। बैंकिंग ऐंड इकनॉमिक्स कॉन्क्लेव में मल्होत्रा ने कहा ‘कोई भी नियामक बैंकों के बोर्ड की जगह फैसले नहीं ले सकता और न ही लेना चाहिए, खासकर भारत जैसे विविधता वाले देश में। प्रत्येक मामला, प्रत्येक ऋण, प्रत्येक जमा, प्रत्येक लेनदेन अलग-अलग जोखिमों और अवसरों के साथ अलग होता है।‘

 

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