भोपाल के टीआईटी कॉलेज पर शिकंजा

भोपाल के टीआईटी कॉलेज पर शिकंजा

भोपाल[ महामीडिया ] भोपाल के टीआईटी कॉलेज में दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग कांड में अब जांच का दायरा और भी गहराने वाला है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस जांच को अधूरा और लापरवाह मानते हुए दूसरी बार हस्तक्षेप किया है। इसी सिलसिले में आयोग की टीम दोबारा भोपाल पहुंची है। टीम ने बुधवार को पीड़िताओं से भी मुलाकात कर बात की है। साथ ही अलग-अलग थानों में दर्ज प्रकरणों के जांच अधिकारियों और पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र से विस्तृत चर्चा कर बताया कि पहली जांच में कहां-कहां गंभीर कमियां रहीं और अब दोबारा किन बिंदुओं पर जांच होनी चाहिए।

आयोग की टीम इससे पहले जून में भोपाल का दौरा कर चुकी थी, जिसमें क्लब-90 को इस पूरे कांड का अड्डा बताया गया था। बाद में उस क्लब को जमींदोज भी किया गया था। उधर एक जुलाई को आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें पुलिस की कार्रवाई को अपर्याप्त करार दिया गया था।

इसमें बताया गया था कि पुलिस ने आरोपित फरहान के आपराधिक नेटवर्क और उसके तारों की गहराई से जांच नहीं की। 

रिपोर्ट में आयोग की टीम ने कॉलेज की एंटी रैगिंग सेल की जांच न होने की बात भी कही थी। साथ ही पीड़िताओं को आरोपितों के स्वजन से सुरक्षा व उन्हें पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था। इसके जो पीड़िताएं डर के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं उन्हें दोबारा कॉलेज में प्रवेश दिलवाने के लिए कहा गया है। पहले दिन पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद गुरुवार को दौरे के अंतिम दिन टीम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मिल सकती है। इसके साथ ही कॉलेज का दौरा भी कर सकती है।

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