परस्पर सहमति से पति से अलग रहने वाली महिला भरण-पोषण की हकदार नहीं 

परस्पर सहमति से पति से अलग रहने वाली महिला भरण-पोषण की हकदार नहीं 

भोपाल [ महामीडिया] कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश विजय के न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि स्वेच्छा व परस्पर सहमति से पति से अलग रहने वाली महिला भरण-पोषण राशि की हकदार नहीं है। लिहाजा, उसका आवेदन निरस्त किया जाता है। भरण-पोषण की मांग करने वाली महिला छह जून, 2017 को निष्पादित सहमति पत्र के आधार पर अपने पति डेनियल से अलग रह रही है । कुटुम्ब न्यायालय ने कहा की इससे साफ है कि उसने स्वेच्छा से पृथक रहने का रास्ता अपनाया है। यह फैसला इसी मामले मे सुनाया गया है । कुटुंब न्यायालय अधिनियम, 1984 में विवाह और परिवार संबंधी मामलों से संबंधित विवादों का निपटान , समझौते को बढ़ावा देने और उनका शीघ्र निपटान करने के लिए उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकारों द्वारा कुटुंब न्यायालय स्थापित करने का प्रावधान है।

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