बाघ संरक्षण के लिए म.प्र.,महाराष्ट्र और राजस्थान को मिलकर प्रयास करना होगा

बाघ संरक्षण के लिए म.प्र.,महाराष्ट्र और राजस्थान को मिलकर प्रयास करना होगा

भोपाल [ महामीडिया] म.प्र.,महाराष्ट्र और राजस्थान अगर संयुक्त रूप से प्रयास करें, तो देश में बाघ संरक्षण के प्रयास और बेहतर हो सकते हैं। शिकार की घटनाएं थम सकती हैं। इन राज्यों में बाघों का कॉरिडोर है। 5 राज्यों के सबसे ज्यादा संरक्षित क्षेत्र हैं। ये इतने नजदीक हैं कि बाघ एक से दूसरे राज्य में घूमते हैं। करीब 30 हजार वर्ग किमी के इस क्षेत्र में संरक्षण के सशक्त प्रयास करने की जरूरत है। इस क्षेत्र में म.प्र.के बांधवगढ़, संजय दुबरी, रोहताश अभयारण्य आता है। जिनके बीच में बेहतर कॉरिडोर है, जो बाघ आबादी बढ़ाने के लिए बेहतर जगह बन सकती है। यदि इन राज्यों की एक संयुक्त फोर्स बनाई जाए तो शिकार की घटनाएं भी रुक सकती है। बता दें की मध्य प्रदेश में पिछले पांच साल में 168 से अधिक बाघों की मौत हो चुकी है। वहीं देशभर में 607 मौतें हुई है। इस वर्ष छह माह में ही देश भर में 75 बाघों की मौत हुई है। इनमें अधिकांश प्रकरण बाघ के शिकार के है। म.प्र.में बाघ के शिकार में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सक्रिय होने की बात भी सामने आई है। 

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