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सर्दियों के मौसम में निमोनिया से बचाव
भोपाल [महामीडिया] सर्दियों के मौसम में निमोनिया के 30% से ज्यादा केसेज सामने आते हैं। ठंडी हवा, तापमान में कमी और कमजोर इम्यूनिटी इस संक्रमण को तेजी से फैलाते हैं। बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इसके चपेट में जल्दी आते हैं क्योंकि उनका शरीर संक्रमण से लड़ने में कमजोर होता है। सर्दियों में वायरल संक्रमण गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। साधारण सर्दी और खांसी कई बार निमोनिया का रूप ले सकती है। निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक गंभीर संक्रमण है, जो लंग्स की हवा भरी थैलियों (alveoli) में सूजन पैदा करता है। इस सूजन के कारण इन थैलियों में पस (मवाद) या फ्लुइड भर जाता है, जिससे खांसी, बुखार, ठंड लगना और सांस फूलने जैसी समस्याएं होती हैं। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है। सर्दियों में ठंडी और सूखी हवा के कारण रेस्पिरेटरी सिस्टम की म्यूकस मेम्ब्रेन कमजोर हो जाती है, जिससे वायरस और बैक्टीरिया आसानी से हमला करते हैं। म्यूकस मेम्ब्रेन रेस्पिरेटरी सिस्टम की अंदरूनी सतह पर मौजूद एक पतली लेयर होती है, जो धूल, कीटाणु और ठंडी हवा से फेफड़ों की रक्षा करती है। सर्दियों में जब हवा ठंडी और सूखी होती है तो यह लेयर सूख जाती है और संक्रमण का रिस्क बढ़ जाता है।