22 मई को शनि जयंती पर बन रहा दुर्लभ संयोग

22 मई को शनि जयंती पर बन रहा दुर्लभ संयोग

नई दिल्ली [ महामीडिया ]पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए इस साल 22 मई, शुक्रवार को शनि जयंती है। शास्त्रों में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि से न सिर्फ आमजन भयभीत रहता है बल्कि देवतागण, असुर और राजा भी डरे हुए होते हैं। इस साल शनि जयंती पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसके कारण शनि जयंती विशेष रहेगी। हालांकि इस समय पूरा विश्व कोरोना के चपेट में है ऐसे में शनि जयंती बहुत ही सीमित तौर पर मनाई जाएगी।ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश की भूमिका में सबको न्याय देने को कहा गया है। शनिदेव अच्छे कर्म करने पर अच्छा फल और बुरे कर्म करने पर बुरा फल देते हैं। शनि देव मकर और कुंभ राशियों के स्वामी है। जो भी भक्त शनि जयंती के अवसर पर उनकी सच्चे मन से पूजा करता है शनि देव उस पर अपनी कृपा जरूर बरसाते हैं।इस बार शनि जयंती पर चार ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहेंगे। शनि मकर राशि में गोचर है जो इनकी स्वयं की राशि है इस दिन गुरु भी मकर राशि में रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि यह संयोग कई वर्षो के बाद बन रहा है। इस दिन शनि जयंती के मौकेर पर सूर्य , चंद्र, बुध और शुक्र एक साथ वृषभ राशि में रहेंगे। चार ग्रहों का एक ही दिन में एक ही राशि में रहने का यह दुर्लभ संयोग बन रहा है।
 

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