पुरुषोत्तम मास ,शनिवार और एकादशी का शुभ संयोग
भोपाल [ महामीडिया] शनिवार, 12 अगस्त को सावन महीने के अधिक मास की एकादशी है। ये सावन अधिक मास की अंतिम एकादशी है, इस कारण इसका महत्व काफी अधिक है। शनिवार को ये तिथि होने से इस दिन विष्णु जी और शिव जी के साथ ही शनि देव की भी पूजा जरूर करनी चाहिए। शनिवार और एकादशी के योग में शनि पूजा जरूर करें। शनि मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जप करते हुए शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं। तेल का दीपक जलाएं। काले तिल से बना भोग अर्पित करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें। इस दिन जरूरतमंद लोगों को काले तिल और तेल दान करें। छाते का दान करें।