श्रावण मास में शनिदेव की पूजा का संयोग
भोपाल [ महामीडिया ] सावन महीने में शनिवार को भी बहुत खास माना जाता है। शनि दोष, साढ़ेसाती और ढय्या से परेशान लोगों को सावन के शनिवार को पीपल पूजा और तिल का दान करना चाहिए। इसी दिन से शनिवार व्रत की शुरुआत भी कर सकते हैं। सावन महीने में शनिवार को शनिदेव के साथ भगवान शिव की विशेष पूजा करनी चाहिए। जिससे कुंडली में मौजूद ग्रह-स्थिति से बन रहे दोषों से छुटकारा मिल जाता है। भगवान् शिव, शनिदेव के गुरु हैं। शिव ने ही शनिदेव को न्यायाधीश का पद दिया था। जिसके फलस्वरूप शनि देव मनुष्यों को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए श्रावण के महीने में जो भी भगवान शिव के साथ साथ शनिदेव की उपासना करता है। उसको शुभ फल प्राप्त होते हैं। भगवान शिव के अवतार पिप्पलाद, भैरव तथा रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा भी शनि के प्रकोप से रक्षा करती है।