भोपाल [ महामीडिया] गणेश उत्सव के दिनों में आने वाली एकादशी का महत्व काफी अधिक है। कल शनिवार, 14 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल की एकादशी है। इसका नाम जलझूलनी, परिवर्तिनी एकादशी है, इसे डोल ग्यारस भी कहते हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है । उदया तिथि के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त कल 14 सितंबर की सुबह 07:38 बजे से सुबह 09:11 बजे तक है । एकादशी व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस कहा जाता है। माता यशोदा ने श्रीकृष्ण के जन्म के अठारहवें दिन उनकी जल घट पूजा की थी। इस दिन को 'डोल ग्यारस' के रूप में मनाया जाता है ।