कार्तिक मास की परंपराएं

कार्तिक मास की परंपराएं

भोपाल [ महामीडिया] अभी कार्तिक मास चल रहा है । कार्तिक मास में पुष्य नक्षत्र, धनतेरस, दीपावली, देवउठनी एकादशी और देव दीपावली जैसे व्रत-पर्व मनाई जाएंगे। इन तीज-त्योहारों की वजह से कार्तिक मास का महत्व अन्य महीनों की अपेक्षा काफी अधिक है।

कार्तिक मास में रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए और घर की साफ-सफाई करने के बाद घर के बाहर रंगोली बनानी चाहिए। कार्तिक मास त्योहारों का महीना है और इस महीने में देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का महापर्व दीपावली भी मनाते हैं। देवी लक्ष्मी की कृपा उन्हीं घरों पर होती है, जहां सकारात्मकता और पवित्रता बनी रहती है। घर के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाने के लिए रोज सुबह हर कमरे की सफाई करें और फिर गंगाजल का छिड़काव करें। गंगाजल के संबंध में मान्यता है कि इसके स्पर्श से हर एक चीज पवित्र हो जाती है। गंगाजल के स्पर्श मात्र से पाप कर्मों के फल नष्ट हो जाते हैं, ऐसी मान्यता है।

यह महीना अंधकार दूर करके जीवन में प्रकाश बढ़ाने का संदेश देता है। इसलिए रोज रात में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं और दीपक जलाते समय मन ये भाव रखे कि देवी-देवताओं की कृपा से हमारे घर से दुखों का अंधकार दूर हो और हम सभी जीवन में दीपक की रोशनी के जैसा प्रकाश आए।

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