आज से चार दिन लगातार पूजा का विधान 

आज से चार दिन लगातार पूजा का विधान 

भोपाल [ महामीडिया] कार्तिक महीने की आखिरी चार तिथियां बेहद खास होती हैं। इस महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा पर विष्णु पूजन से मिलने वाला पुण्य कभी खत्म नहीं होता। इन तिथियों पर धर्म-कर्म करने से कई महायज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है।कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के बारहवें दिन व्रत-पूजा और दान से कई यज्ञों का पुण्य मिलता है। तेरहवें दिन समस्त वेद प्राणियों को पवित्र करते हैं। चौदहवें दिन यज्ञ और देवता सब जीवों को पावन बनाते हैं और पूर्णिमा को सभी तीर्थों के जल में भगवान विष्णु का वास होता है। जिससे महापापों से भी मुक्ति मिल जाती है। इस बात का जिक्र पुराणों में है।कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की बारहवीं तिथि के स्वामी भगवान विष्णु ही हैं। विष्णु पुराण के मुताबिक इस महीने की द्वादशी पर व्रत, विष्णु पूजन और दान करने से महा पुण्य मिलता है। इस द्वादशी से कई महायज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है।
कार्तिक द्वादशी पर विष्णु पूजन: 24 नवंबर, शुक्रवार
कार्तिक त्रयोदशी पर शिव पूजन: 25 नवंबर, शनिवार
कार्तिक चतुर्दशी पर हरिहर मिलन: 26 नवंबर, रविवार
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान और विष्णु पूजन: 27 नवंबर, सोमवार
 

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