माता महालक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुईं थी
भोपाल (महामीडिया) समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरी हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।उसमें पांच प्रकार की औषधियां प्राप्त हुई थीं, तभी से लोग भगवान कुबेर का पूजन करते आ रहे हैं।इससे मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न रहती हैं। समुद्र मंथन के लिए वासुकि नाग की रस्सी बनाई गई और मदरांचल पर्वत की सहायता से समुद्र मंथन शुरू हुआ था । एक-एक करके मंथन से कुल 14 मुख्य रत्न निकले थे। मंथन के अंत में भगवान धनवंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। माना जाता है कि ये मंथन कई युगों तक चला था।