भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी
भोपाल [ महामीडिया] भगवान विष्णु को लक्ष्मीजी से शादी करनी थी। अब शादी में भारी-भरकम खर्चे तो होते ही हैं। पूरे देवलोक को आमंत्रित भी करना था। ऐसे में विष्णुजी के पास धन नहीं था तो उन्होंने देवताओं के खजांची कुबेर से धन मांगा, जिनके पास अकूत दौलत मानी जाती है। जब भगवान विष्णु कर्ज ले रहे थे तो उन्होंने कुबेर से यह वादा किया कि कलियुग के आखिर तक वह अपना सारा कर्ज ब्याज समेत लौटा देंगे। कहा जाता है कि कुबेर से लिए गए इसी कर्ज से भगवान विष्णु के वेंकटेश रूप और देवी लक्ष्मी के अंश पद्मावती ने धूमधाम से विवाह किया। हालात ये हैं कि भगवान भी आज तक अपने कर्ज से मुक्त नहीं हो पाए । यह मान्यता आज भी चली आ रही है। जिस वजह से श्रद्धालु आज भी भगवान विष्णु के अवतार तिरुपति बालाजी को बड़ी मात्रा में सोना-चांदी, हीरे-मोती और गहने भेंट करते हैं, ताकि भगवान कर्ज के बोझ से मुक्त हो जाएं।