महर्षि जी का 'विश्व शांति आंदोलन' कार्यक्रम

महर्षि जी का 'विश्व शांति आंदोलन' कार्यक्रम

भोपाल (महमीडिया) महर्षि जी ने वैदिक शाश्वत् ज्ञान के आधार पर सभी देशों को एक कर भौगोलिक सीमा रहित ‘‘ग्लोबल कन्ट्री आफ वर्ल्ड पीस’’-विश्व शांति राष्ट्र की स्थापना की। इसके संचालन के लिये महर्षि जी ने एक महाराजाधिराज तथा 32 राजाओं का वैदिक परम्परा से राज्याभिषेक कर राजतिलक किया। वेद विज्ञान के 40 मंत्री अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्त किये। विश्व शांति राष्ट्र की मुद्रा को ‘‘राम मुद्रा’’ का नाम दिया जो आज विश्व के अनेक देशों में प्रचलित हुई।विश्व शांति की स्थायी स्थापना के लिये महर्षि जी ने विश्व के 3000 बड़े शहरों में  ‘‘महर्षि पीस पैलेस’’-महर्षि शांति भवन निर्माण का कार्यक्रम बनाया, जहां प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में और सभी राष्ट्रों में आपसी सामन्जस्य, सौहार्द्रता, शांति और अजेयता प्राप्त करने के सभी वैदिक सिद्धांत और कार्यक्रम उपलब्ध होंगे।महर्षि जी ने ‘‘पार्लियामेन्ट आफ वर्ल्ड पीस’’ का गठन किया जिसमें सभी देशों की सरकारों को जीवन के सभी क्षेत्रों में समस्या रहित प्रशासन के सिद्धांत दिये। प्रथम वर्ल्डपीस पार्लियामेंट भारतवर्ष के भौगोलिक केन्द्र-भारत के ब्रह्मस्थान में जनवरी 2006 में आयोजित हुई और तभी महर्षि जी ने भारत के ब्रह्मस्थान को ‘‘विश्व शांति की राजधानी’’ घोषित किया। 66 देशों के प्रतिनिधियों ने प्रथम वर्ल्डपीस पार्लियामेंट में भाग लिया। जनवरी 2007 में महर्षि जी ने भारत के ब्रह्मस्थान को ‘‘विश्व व्यापी रामराज्य की राजधानी’’ भी घोषित किया।
-ब्रह्मचारी गिरीश 
 

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