इस मास में भगवान दत्तात्रेय का प्रकट उत्सव और गीता जयंती 

इस मास में भगवान दत्तात्रेय का प्रकट उत्सव और गीता जयंती 

भोपाल [ महा मीडिया] अंतिम महीना दिसंबर शुरू हो गया है। ये महीना धर्म-कर्म के नजरिए से बहुत खास रहेगा। पंचांग के मुताबिक अभी नवां हिन्दी महीना अगहन चल रहा है। इस महीने में गीता जयंती, विवाह पंचमी, दत्त पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। हनुमान जी के आराध्य श्रीराम और सीता के विवाह की तिथि अगहन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी मानी गई है। इसे विवाह पंचमी भी कहा जाता है। ये पर्व 17 दिसंबर को मनाया जाएगा। श्रीराम की कृपा पाना चाहते हैं तो हनुमान जी की पूजा करें। रामायण का पाठ करें। महाभारत के समय श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जिस दिन गीता का उपदेश दिया था, उस दिन अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी। इस तिथि को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ये एक मात्र ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता जंयती पर श्रीकृष्ण की पूजा करें। ये एकादशी 23 दिसंबर को है अगहन पूर्णिमा (मंगलवार, 26 दिसंबर) पर भगवान दत्तात्रेय का प्रकट उत्सव मनाया जाता है। इस दिन दत्तात्रेय के साथ ही भगवान विष्णु, शिव जी और चंद्र की पूजा करनी चाहिए।

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