हनुमान जी का प्रकट उत्सव छह अप्रैल को 

हनुमान जी का प्रकट उत्सव छह अप्रैल को 

नईदिल्ली [ महामीडिया] गुरुवार, 6 अप्रैल को श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का प्रकट उत्सव है। त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर शिव जी ने अंशावतार के रूप में केसरी और अंजनी के यहां जन्म लिया था। हनुमान जी का प्रारंभिक नाम मारुति था। बाद में देवराज इंद्र के प्रहार की वजह से मारुति का नाम हनुमान पड़ा। 6 अप्रैल को चैत्र मास खत्म होगा और वैशाख मास के स्नान शुरू हो जाएंगे। वैशाख मास में नदियों में स्नान करने की परंपरा है।जब मारुति छोटे थे, तब एक दिन उन्होंने सूर्य को निगल लिया। सूर्य को निगलने से सृष्टि में अंधकार छा गया। सभी देवी-देवता परेशान हो गए। उस समय देवराज इंद्र मारुति पर गुस्सा हो गए और अपने वज्र से प्रहार कर दिया। वज्र की वजह से मारुति की हनु यानी ठोड़ी टूट गई। मारुति पर प्रहार हुआ तो उनके पिता पवन देव गुस्सा हो गए, उन्होंने पूरी सृष्टि की हवा ही रोक दी। तब सभी देवताओं ने पवन देव से प्रार्थना की कि वे वायु को न रोकें, वर्ना सृष्टि नष्ट हो जाएगी। सृष्टि की भलाई के लिए पवन देव ने ये बात मान ली। इसके बाद सभी देवताओं ने मारुति को अलग-अलग शक्तियां दीं। हनु यानी ठोड़ी पर लगी चोट की वजह से मारुति को नया नाम हनुमान मिला।

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