अधिक मास में कई दुर्लभ योग 

अधिक मास में कई दुर्लभ योग 

भोपाल [ महामीडिया] अधिक मास  में कई दुर्लभ योग बन रहे हैं, जो वैभव वृद्धि करने वाले हैं। वैसे तो अधिक मास भगवान विष्णु और कृष्ण की आराधना का है, लेकिन सावन मास होने के कारण ये शिव कृपा पाने का भी महीना है। इस तरह ये महीना हरि, मतलब विष्णु और हर यानी शिवजी की आराधना का है। सावन महीना शिवजी को बहुत ही पसंद है। ये बात शिवजी ने सनत्कुमार को कही थी। इसका जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है। नारद, पद्म और विष्णु धर्मोत्तर पुराण का कहना है कि अधिक मास में किया गया जप, तप, व्रत और दान अक्षय फल देते हैं। इनका पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। इस महीने भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी जी की प्रसन्नता के लिए किए उपाय भी अक्षय फल देने वाले होते हैं।पुष्य नक्षत्र में महीने की शुरुआत शुभ और जल्दी फायदा देने वाली रहेगी। ये नक्षत्र सम्मान-समृद्धि भी तेजी से बढ़ाता है। अधिक मास में वैभव संबंधी कार्य तेजी से परिणाम देने वाले होंगे। साथ ही हर्षण और वर्धमान नाम के शुभ योग भी बन रहे हैं। ये योग अपने नाम की तरह खुशी और समृद्धि बढ़ाते हैं। इस महीने में सोने-चांदी से लेकर मशीन और वाहन खरीदी के कई मुहूर्त और शुभ योग बन रहे हैं।अधिक मास में खरीदारी और नई शुरुआत के लिए 18 दिन शुभ रहेंगे। इनमें अधिक मास के पहले दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा। फिर 23, 28, 30 जुलाई, 9, 14 और 15 अगस्त को सर्वार्थसिद्धि योग रहेंगे। वहीं, 25 जुलाई को द्विपुष्कर योग बनेगा। इनके अलावा 20, 21, 22, 23, 24, 27, 28, 31 जुलाई और 7 अगस्त को रवियोग रहेगा। अधिक मास खत्म होने से एक दिन पहले भी मंगलवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बनेगा।

सम्बंधित ख़बरें