स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप है मार्गशीर्ष अमावस्या

स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप है मार्गशीर्ष अमावस्या

भोपाल [महामीडिया] 19 और 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। तिथियों की घट-बढ़ की वजह से  यह तिथि दो दिन रहेगी। मार्गशीर्ष मास को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है जैसा कि भगवान ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इस कारण इस महीने की अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है।अमावस्या तिथि 19 नवंबर की सुबह 09:43 बजे शुरू होगी और 20 नवंबर की दोपहर 12:16 बजे खत्म होगी। जो लोग उदयातिथि के अनुसार ये पर्व मनाते हैं, वे 20 नवंबर स्नान-दान कर सकते हैं। पितृ कर्म जैसे श्राद्ध और तर्पण करना चाहते हैं तो 19 नवंबर की दोपहर में ये कर्म किए जा सकते हैं। अगहन अमावस्या का महत्व कार्तिक अमावस्या दीपावली जैसा ही है। इस तिथि पर किए गए धर्म-कर्म से भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और पितरों की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

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