श्राद्ध महापर्व में मातृ नवमी
भोपाल [ महामीडिया] अभी पितृपक्ष चल रहा है और पितरों के इस महापर्व की मातृ नवमी शनिवार को है। इस तिथि का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि इस दिन घर-परिवार की मृत सुहागिन महिलाओं के लिए श्राद्ध, धूप-ध्यान, पिंडदान और तर्पण आदि शुभ काम किए जाते हैं मृत्यु के समय जो महिलाएं सुहागिन थीं यानी जिनके पति जीवित थे, उनके लिए श्राद्ध कर्म पितृपक्ष की नवमी तिथि पर करना चाहिए। जिन सुहागिन महिलाओं की मृत्यु तिथि मालूम नहीं है, उनके लिए भी मातृ नवमी पर ही श्राद्ध करें। पितृ पक्ष के नवमी श्राद्ध को मातृ श्राद्ध या मातृ नवमी के नाम से जाना जाता है. इस साल 7 अक्टूबर को नवमी श्राद्ध है. इस तिथि पर परिवार की माता पितरों जैसे कि मां, दादी, नानी पक्ष का श्राद्ध करते हैं. यह दिन माता पितरों को समर्पित होता है.