संकष्टी चतुर्थी के दिन गजानन की पूजा का विधान 

संकष्टी चतुर्थी के दिन गजानन की पूजा का विधान 

भोपाल [ महामीडिया] 6 जुलाई, गुरुवार को सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का व्रत किया जा रहा है। शिव पुराण के अनुसार सबसे पहले भगवान शिव ने सनत्कुमार को सावन महीने में आने वाली संकष्टी चतुर्थी के व्रत की विधि और उसका महत्व बताया था। इस तिथि पर भगवान गणेश के गजानन रूप की पूजा करने का विधान है, इसलिए इसे गजानन संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। सावन महीने की संकष्टी चतुर्थी पर गणेशजी की पूजा के बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा भी करने का विधान है। भगवान शिव-पार्वती की पूजा सुगंधित फूल और सौभाग्य सामग्रियों के साथ करनी चाहिए।

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