आषाढ़ मास में दस विश्वदेवों की पूजा का विधान

आषाढ़ मास में दस विश्वदेवों की पूजा का विधान

भोपाल [ महामीडिया] चौथा महीना 21 जून से शुरू हुआ और 22 जुलाई तक रहेगा। इस महीने से ही बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। हर महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र पर रखा गया है। आषाढ़ नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर रखा गया हैं। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो में से किसी नक्षत्र में रहता है, इसलिए प्राचीन ज्योतिषियों ने इस महीने का नाम आषाढ़ रखा है। पूर्णिमा के दिन उत्ताराषाढ़ा नक्षत्र हो तो ये बहुत ही शुभ और पुण्य फलदायी संयोग माना जाता है। इस संयोग में दस विश्वदेवों की पूजा की जाती है।

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